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Wednesday, April 21, 2010

डुबो दिया महा नरेगा को .....

डुबो दिया महा नरेगा को ..... जी हाँ ये बात सोलाह आने सच है यकीं न हो तो अपने मोलासर वाले नायब तहसील दार बलदेव सिंह सुंडा की कारगुजारी ही देख लो .... सुंडा ने खसरा नंबर ५४३ पर हो रहे नरेगा कार्य की सिकायत के बात भी कोई ध्यान नहीं दिया ! मामला जब न्यायालय में पहुंचा तब श्रीमान की आँखे खुली और खसरा नंबर ५४४ और ५९७ के प्राचीन कटानी रस्ते पर अति-कर-मन मानते हुए उक्त खेत मालिक रूपा राम चौधरी को ३८ रुपयों के अर्थ दंड से दण्डित कर इतिश्री कर ली ! ........................... दूसरी तरफ खसरा नंबर ५४३ के मालिक खेमा राम चौधरी ने मीडिया को बताया की सुंडा इस पुरे प्रकरण पर लिपा पोथी करने में लगे है दर-असल वो अति-कर-मन आज भी वेसा का वेसा ही मोजूद है ! दूसरी तरफ सुंडा व पटवारी की लापरवाही ने कई सवालो को जन्म दे दिया है जिनका जवाब अब बेहद जरुरी हो गया है !
सवाल १ - सिकायत के बाद भी सुंडा ने कोई कारवाही क्यों नहीं की !
सवाल २ - सिकायत के बाद भी नरेगा का कम क्यों चालू रखा !
सवाल ३- अब जब न्यायालय ने निर्देश दिए है तो उनकी ठीक से पालना क्यों नहीं हो रही है !
सवाल ४- नरेगा में लगे पैसे का हिसाब कोण देगा !
सवाल ५- १.०५ कि.मीटर के रस्ते से हरे-भरे पेड़ो की कटाई का कोण जिमेदार है !
सवाल ६- पटवारी के विरूद्ध गलत रिपोर्ट देने की कोई कार्य वही क्यों नहीं हुई !
बहार हाल इस पुरे प्रकरण में प्रशासनिक लिपा-पोथी साफ झलक रही है इस पुरे प्रकरण की न्यायिक जाँच हो कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही होनी चाहिए !

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